हर इंसान सपनो का जन्हा बनता है,
पर वो सपना ही रह जाता है,
पंछी उड़कर आसमान तक जाते तो है,
पर कुछ जमीन से उड़ ही नही पाते है,
कुछ के सपने सपने ही रह जाते है,
तो कुछ का सपना साकार हो जाता है,
हर इंसान सपनो का जन्हा बनता है....................
पंछी घरोंदो में जाकर सपने तो सजाते है,
पर आँख खुलने पर सपनो से दूर हो जाते है,
जब नए रिश्ते बनते है तो पुराने छुट जाते है,
नए रिस्तो में दिल ख़ुद को भूल जाता है,
हर इंसान सपनो का जन्हा बनता है...........
आँखे जब बंद है तो सपनो की दुनिया दिखती है,
खुली जब आँखे तो अपनों की दुनिया मिलती है,
कितने अनजान रिश्ते है ये दिल सहम जाता है,
याद करू कुछ और,कोई और याद आता है,
हर इंसान सपनो का जन्हा बनता है............
किस पर भरोसा करू ये दुनिया अनजानी है,
विस्वास हो भी जाए पर धड़कने दीवानी है,
हर रात आँखे नया सपना सजा लेती है,
सुबह वही आँख उन्हें पुरा करने को कहती है,
क्या हुआ जो मैंने एक और सपना सजाया है,
हर इंसान सपनो का जन्हा बनाता है..........
हर सपने को पुरा करने की मन में प्यास है,
अब न दिल दुखी,न मन उदास है,
सपनो से मिलने की अब मन में आस है,
है अगर भरोसा रब का तो "
सपनो का जन्हा" भी पास है..........
है अगर भरोसा रब का तो "
सपनो का जन्हा" भी पास है............